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आज यीशु मसीह पृथ्वी पर जन्मे, वह जो कष्ट में पड़े प्राणियों पर आशीर्वाद लाते हैं। बेतलेहेम की गुफा में, गधे की साँस से गर्माहट मिल रही है, रात की ठंड को घोलते हुए, और ईश्वर के प्रिय पुत्र को गर्म कर रही है।
वर्षा सुप्त स्मृतियों को जगा सकती है तथा अतीत की उन यादों को फिर से जगा सकती है, जो वर्षों के साथ धुंधली पड़ गई थीं। यह पुरानी यादें ताजा करने वाली ध्वनि मधुर स्मृतियों को जगाती है तथा उस प्रेम को जीवंत कर देती है जो जीवन भर कम नहीं हुआ है। हम सबने मिलकर वर्षा देखी है। साथ मिलकर, साथ मिलकर हमने इंद्रधनुष देखा है। याद करो, साथ बिताए उन पलों को याद करो। याद करो, साथ बिताए उन पलों को याद करो। जहाँ भी जाओ, बारिश होने पर मुझे याद रखना। जब बारिश हो तो मुझे याद रखना। तुमको पता है मैं कितनी अकेली हूँ, बारिश मुझे मेरे दूर देश की याद दिलाती है। पृथ्वी से हम, वर्षा की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पृथ्वी से हम वर्षा की प्रतीक्षा कर रहे हैं। समाचार लाओ, समाचार लाओ, हमारी दूर की दुनिया से। याद करो, याद करो वो पल जो साथ में बिताए थे, याद करो, याद करो वो पल जो साथ में बिताए थे... हमारे साथ बिताए समय की याद अभी भी उतनी ही ताज़ा है जैसे तुम्हारे बालों की खुशबू; पुरानी चाँदनी अभी भी सँभाले रखती है तुम्हारी हमेशा दमकती हुई नजर। हजारों सालों के बाद भी, तुम्हारी मीठी मुस्कान अभी भी परिचित लगती है। तुम्हारी आँखों की संध्या को विदा कहते हुए मैं ढूँढती हूँ शांत शहरों को जहाँ कोई सड़क की रोशनी न हो। शुरुआती शरद की हवा कुछ निशान छोड़ जाती है उस मीठी खुशबू के, जिस दिन हम पहली बार मिले थे। पेड़ों कि कतार से सजी सड़क पर, कोमलता से, मैं आई हूँ तुमसे अपना प्रेम व्यक्त करने। मेरी सारी आशाएँ और सारे सपने, तुम तक पहुँचाए ताकि मेरा दिल हल्का हो सके। फिर इन पैदल पगडंडियों पर, हम खुशी-खुशी चलते, हाथों में हाथ डाले। संगीत की कल्पनात्मक भूमि में टहलते हुए, सारी चिंताओं को पीछे छोड़ रात के गहरे तक खो जाते। हर कदम चाँद के साथ सागर की दूरियों से, रात भर, तुम्हारी रहस्यमयी मुस्कान जो समय की शुरुआत से भेजी गई थी हम पहले किस जीवन में साथ थे, एक अतीत जो उतना ही सुंदर था जितनी तुम्हारी आँखें? तुम्हारे बालों का रंग रात के जंगल को रोमांचित कर गया! सदाबहार पलकों पर ओस की धुंध छाई थी और तुम्हारे वस्त्र के सामने हजारों चमकते सितारें फीका पड़ गए मीठी यादें फिर जाग उठीं तुम्हारी उँगलियों के सिरों से तुम्हारी भौंहों पर चाँद उग आया अद्भुत आभा उभरती हुई तुम्हारे सुंदर ललाट पर अनुत्तरित स्नेह, प्रेम की सुगंध विलीन होती हुई क्या महासागर और नदियाँ मेरे हृदय की पीड़ा समझ सकें? क्या रोते द्वीप पर उठती लहरें मेरे दुख को कुछ कम कर सकें? हे मेरे हृदय! क्या सपने कभी पहुँच पाएँगे? विशाल सागर में गूँजती है एक कोमल धुन। स्वप्न में धीरे-धीरे चलते हुए, मानो खो गई हूँ तुम्हारी खुशबू की एक झलक मुझे उदास लालसा में भर गई ओस की धुंध आँसुओं जितनी कोमल तुम्हारे बालों पर तारे गिर पड़े, हायसिंथ की सुगंध के साथ इस दुखी दुनिया से बचते हुए, मैं किसी दूर स्थान चली जाऊँगी तारे उदासी से डूबते, चाँदनी भी ढलती हुई एक दीप्तिमान कल वादा कर रहा है मैं गहरी नींद में सो जाऊँगी फूलों की छाँव के नीचे। इस सांसारिक क्षेत्र में प्रवास के दौरान, हमारे मूल घर की सुंदर यादें अक्सर ताज़ा हो जाती हैं। हमारे सपनों में, स्वर्ग में हमारे सबसे प्रियतम के साथ बिताए गए समय की सारी महिमा और आनंद अचानक वापस आ जाते हैं। और ओह, हम बहुत पहले के उन सुनहरे दिनों को कितना याद करते हैं... मेरे सपने में तुम मेरे पास आए, प्रेम की फुसफुसाहट करते हुए सदैव के लिए प्रेम की फुसफुसाहट सदैव के लिए। मेरे सपने में तुम मेरे पास आए स्मृति जब समय नया था और जीवन ने पंख फैलाए स्वर्ग से परे! स्मृति जब समय नया था और जीवन ने पंख फैलाए और मेरा हृदय गाया सुनहरा समय!… वो तड़प भरी कामना उस घर के लिए जिसे हमने पीछे छोड़ दिया उस घर के लिए जिसे हमने पीछे छोड़ दिया। मेरे सपने में आत्मा इतनी उज्ज्वल है हज़ारों सूर्य आसमान को सजाते हैं खरबों तारे आकाशगंगा को रोशन करते हैं! खरबों तारे रात को जगमगाते हैं। सुनहरा समय!… वो तड़प भरी कामना उस घर के लिए जिसे हमने पीछे छोड़ आए हैं उस घर के लिए जिसे हमने पीछे छोड़ आए हैं उस यादगार ठंडी सर्दियों की रात, बहुत समय पहले, ईश्वर के प्रिय पुत्र इस दुनिया में आए एक गधे-जन के अस्तबल में, एक गधे-जन के अस्तबल में, बेतलेहेम की पत्थर की गुफा में। आज, 2,000 से अधिक वर्षों के बाद भी, स्वर्ग और पृथ्वी अभी भी गहरी कृतज्ञता के साथ प्रभु यीशु मसीह (शाकाहारी) को सभी पीड़ित प्राणियों के प्रति उनकी असीम करुणा और बलिदान के लिए याद करते हैं और सदैव उनकी प्रशंसा करते हैं। ठंडी, सर्दियों की रात में, मसीह का जन्म हुआ एक पत्थर की गुफा में, गधों के अस्तबल में। बेतलेहेम की गुफा में, तेज प्रकाश फैल रहा था और हवा में फरिश्ते गा रहे थे। संगीत बज रहा था, दूर से गूंजते गीतों के साथ यहाँ पवित्र मसीह हमारे लिए पृथ्वी पर आए आओ जल्दी करें बेतलेहेम की ओर, जहाँ यीशु मसीह विनम्रता से जन्मे। रात के मध्य में, दुनिया में मसीह के जन्म का जश्न मनाते। वह जो कष्ट में पड़े प्राणियों पर आशीर्वाद लाते हैं। बेतलेहेम की गुफा में, फरिश्ते गा रहे हैं, प्रभु की महिमा हुई है, और मनुष्य शांति में हैं बेतलेहेम की गुफा में, चरवाहे इकट्ठा हो रहे हैं, प्यार और सच्चाई के साथ गीत गा रहे हैं। आज यीशु मसीह पृथ्वी पर जन्मे, वह जो कष्ट में पड़े प्राणियों पर आशीर्वाद लाते हैं। बेतलेहेम की गुफा में, गधे की साँस से गर्माहट मिल रही है, रात की ठंड को घोलते हुए, और ईश्वर के प्रिय पुत्र को गर्म कर रही है।










